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गुरु का राशि परिवर्तन
गुरु जीव है और जीव तभी तक है जब तक उसके अन्दर गुरु है। आकाशीय स्थिति के अनुसार गुरु एक ग्रह है,लेकिन संसारी स्थिति के अनुसार गुरु जीव के अन्दर चलने वाली सांसें है। कालपुरुष की कुंडली के अनुसार गुरु भाग्य और धर्म का कारक है,मोक्ष देना गुरु का काम है,आराम से रखना गुरु का काम है,गुरु अपने धर्म और भाग्य के तीसरे भाव में आगे आने वाली उन्नीस दिसम्बर से आयेगा,लेकिन अपने आराम और मोक्ष के भाव से बारहवां रहेगा। गुरु के द्वारा कालपुरुष की कुंडली के अनुसार लाभ के घर में पदार्पण होगा तो वह केवल लाभ के मामलों में अपना योगदान देगा,गुरु का प्रभाव कुम्भ राशि में होने के कारण वह पराक्रम में अपना प्रभाव देगा,मीडिया पब्लिसिंग में अपना रूप प्रदर्शित करेगा,कितने ही लोग मीडिया और पबलिसिन्ग से अपने को प्रकाशित करने की कोशिश करेंगे। गुरु का प्रभाव कालपुरुष की कुन्डली में सप्तम भाव में होगा,शादी विवाह साझेदारी के कारणों में अभी तक चलने वाली असमान्य स्थितियां सामान्य होने का समय शुरु होगा,जिन जातकों की शादियां किसी न किसी कारण से रुकीं थीं उनके लिये यह खास समय शुरु होगा,यह सब गुरु के प्रभाव से होगा।