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शनि राहु की युति के उपाय

शनि राहु की युति

यह युति दिमागी भ्रम देती है,हायपर टेंसन करना आदि इसके मुख्य लक्षण है,राहु जब शनि को त्रिक भावों में देख रहा हो,राहु शनि त्रिक भाव में किसी स्थान पर एक साथ हो,त्रिक स्थान के अलावा कन्या वृश्चिक मीन राशि में स्थापित जन्म का राहु भी इसी श्रेणी में आता है.इसके लिये जो उपाय जल्दी कारगर हों उनको करना ठीक होता है,किसी रत्न को धारण करने पर वह प्रभाव दस प्रतिशत मिलता है,पूजा पाठ करने से वह तीस प्रतिशत तक मिलता है,लेकिन आज के समय में सभी के पास पूजा पाठ करने का समय नही है और किसी अन्य से पूजा पाठ करवाने में विश्वास भी करना मुश्किल है,इसलिये इस युति से शरीर के अन्दर से जो तत्व कम होते जाते है,उन्हे पूरा करने से फ़ल नब्बे प्रतिशत तक पूरे हो जाते है,और इस युति के अन्दर भी दिमाग सकारात्मक कार्य करने लगता है.यह औषिधियां अगर आपको प्राप्त करने में असुविधा है तो आप हमे भी लिख सकते है.

शनि राहु की युति का इलाज

शनि में राहू का योगात्मक प्रभाव हाइपर टेन्सन की बीमारिया देता है,जब मानसिक चिंताए अधिक लग जाती है तो किया जाने वाला भोजन नहीं पचता है,सोने वाली गोलिया लेने से नींद कभी प्राकृति रूप से नहीं आती है,किसी कठिन समस्या तथा खतरनाक परिस्थिति में शरीर के रियेक्सन में तनाव पैदा होता है,यह शरीर एक चलती फिरती संसार की सबसे बड़ी केमेस्ट्री लेब है,किसी भी प्रकार का तनाव विचार चिंता से शरीर में विभिन्न प्रकार के एन्जाइम्स पैदा होते है,इन सब कामिकल रियेक्सन के फलस्वरूप शरीर को सेल्यूलर लेबल पर अधिक आक्सीडेशन करना पड़ता है,वास्तव में इस दशा के अन्दर जो तनाव पैदा होता है वह शरीर की अस्सी प्रतिशत बीमारियों का कारण बनता है,वर्त्तमान में जो आपके शरीर की पहिचान होगी वह शनि और राहू इस प्रकार से शो करता है:-

* पुतलियों का डायालेषण.
* मुहं और गले का सूखना
* चहरे की वेंस तथा आर्टरीज का सिकुड़ना,हाथ और पांव का पीला पद जाना,
* दिल की धड़कन तेज होना
* अन्तरंग भागो में इन्फेक्सन का पैदा हो जाना कारण शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति का कम हो जाना.
* शरीर के हर अंग में पसीना अधिक आता है विशेष कर हथेली में
* मानसिक स्थिति ऐसी बन जाती है कि रहने वाले स्थान को छोड़ देना ही ठीक रहेगा.
* बार बार सिरदर्द
* हाइपर टेन्सन और इस प्रकार से ब्लड प्रेसर की बीमारी जो लो होती है का पैदा हो जाना
* गर्दन गर्दन के पीछे और पीठ में दर्द
* हमेशा रोने की इच्छा करना
* जल्दी से थकान और कमजोरी
* नींद नहीं आना और डरावने सपने
* धीरे धीरे पेट में अल्सर जैसी बीमारियों का पैदा हो जाना
* एलर्जी और अस्थमा जैसे प्रभाव दिखाई देना
* काम शक्ति का कम हो जाना संतान की पैदाइस में दिक्कत आदि लक्षण मिलते है.

इस शनि और राहू के उपाय जो आज की स्थिति के अनुसार है वे इस प्रकार से है:-

* मल्टी विटामिन दिन में दो बार
* विटामिन ई दिन में एक बार
* कैल गैंग दिन में दो बार
* आयरन फोलिक दिन में एक बार
* विटामिन बी काम्प्लेक्स दिन में तीन बार

यह सभी विद्वान् डाक्टर की सलाह से ही लें,वह शरीर के वजन,खून की मात्रा और शरीर के लक्षण से आपको लेने वाली खुराक और मात्रा की जानकारी दे देगा.इसके अलावा विचारों और सुझाव को सही रखे,नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदले तनाव हमेशा हमारे अन्दर नकाराम्तक विचारों से उत्पन्न होता है,अतः जैसी परिस्थितियाँ हों उन्ही के अनुरूप बदलने की कोशिश करे,इस समय में गुस्सा करना दुःख करना डरना आदि दिक्कत देने वाले कारण होते है.सबसे अधिक भोजन की रूचि और अरुचि का ध्यान रखना भी जरूरी है.