नाडी ज्योतिष में दशायें
नाडी ज्योतिष के अनुसार जो दशायें सामने आती है वे इस प्रकार से मानी जाती हैं:-
- पहली दशा जन्म दशा कहलाती है.
- दूसरी दशा सम्पत्ति की दशा कहलाती है.
- तीसरी दशा विपत्ति की दशा होते है.
- चौथी दशा कुशल क्षेम की दशा होती है.
- पांचवी दशा शरीर या परिवार से पृथक होने की दशा होती है.
- छठी दशा शरीर या मन को साधने की दशा कही जाती है.
- सातवीं दशा में मृत्यु योग को अन्य के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है.
- आठवीं दशा में जो कारक मृत्यु योग प्रस्तुत करना चाहते वे मित्रता करते हैं.
- नौवीं दशा परममित्र की दशा होती है,जिसके अन्दर मनसा वाचा कर्मणा सभी मित्र होते है